स्वास्थ्य क्रान्ति
मानव जीवन में मानव का स्वास्थ्य उसकी सबसे अमूल्य निधि है । इस संसारिक जीवन में जहाँ हर प्रकार के उपभोग की वस्तुएँ मानव के थोड़े से प्रयास के बाद ही प्राप्त हो सकती हैं वहीं मानव का स्वास्थ्य एक बार बिगड़ जाए तो उसे पुनः उसी रूप में पाना एक चुनौती बन जाता है । मनुष्य के पूर्णरूप से स्वस्थ होने का अर्थ है कि वह ना केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए । अपितु वह मानसिक रूप से भी पूर्णतः स्वस्थ होना चाहिए । भारत वर्ष में बहुत बड़ी तादात में बच्चे, मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग पैछा होते थे जो कि बहुत ही दुःखद था । (यहाँ यह बताना हमारा कर्तव्य है कि सरकार ने पोलियो जैसी बीमारी को पूर्णतः समाप्त कर दिया है) उससे अधिक दुःखद है कि बच्चों के स्वस्थ पैदा होने के पश्चात बच्चें बहुत सारी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं । इसके पश्चात मौसमी परिवर्तन के कारण बहुत सी बीमारी और कभी कभी महामारी के रूप में भी मनुष्य व जीवों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है । अव्यवस्थित खान पान के कारण भी बहुत बड़ी तादात में लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है और एक उम्र के बाद शरीर में बीमारियों का प्रवेश होना, नशा, दुर्घटना व प्राकृतिक आपदाएँ ये भी मनुष्य के स्वास्थ्य को ख़राब करने में बड़ा कारण बनती है । सर्वोदय [मौहल्ला समिति] के सामने लोगों को स्वस्थ रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी । योग व शारीरिक व्यायाम, खान पान में बदलाव व नियमित्ता इसके लिए सबसे उपयोगी सिद्ध होंगे । जिसे सर्वोदय मौहल्ला समिति बचपन से ही सुचारू रूप से कराने की व्यवस्था करेगी । योग व शारीरिक व्यायाम प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू रहेगा जिसकी अनिवार्यता निश्चित की जाएगी । बच्चों से बुजुर्गों तक सभी के लिये व्यायाम से लेकर खान-पान का पूरा ध्यान रखा जाएगा । हर सम्भव प्रयास किया जायेगा कि व्यक्ति किसी भी प्रकार के व्यसनों से दूरी बनाए रखे व स्वस्थ निरोगी होकर लम्बी उम्र जिये । यही हमारी स्वास्थ्य क्रान्ति का मूल उद्देश्य है ।