जनसंख्या नियंत्रण क्रान्ति
मेरे द्वारा तैयार किये गये सम्पूर्ण स्वराज्य क्रान्ति सिद्धान्त में जहाँ सम्पूर्ण स्वराज्य के लिये 21 क्रान्तियां समान रूप से आवश्यक सिद्ध होंगीं । वहीं जनसँख्या नियंत्रण क्रान्ति एक ऐसी क्रान्ति होगी जो प्रत्येक देश के लिये अलग महत्व रखेगी । सभी देशों के लिये जन संख्या नियंत्रण क्रान्ति का स्वरूप एक जैसा नहीं होगा । जहाँ भारत, चीन, पाकिस्तान, इन्डोनेशिया अधिक जनसंख्या वाले देशों को इसे नियंत्रित करना अति आवश्यक क्रान्ति के रूप में देखना होगा वहाँ अन्य बहुत से ऐसे भी देश हैं । जहाँ का ज़मीनी घनत्व प्रतिव्यक्ति बहुत ज़्यादा है अर्थात वहाँ जनसंख्या बहुत ही कम है । वे देश दूसरे देशों से लोगों को अपने देश में आने के लिये प्रलोभन तक दे रहे हैं । यहाँ तक कि वे 99 वर्षों के लिये कृषि उपयोगी खेती के लिये ज़मीन को पट्टे पर देने के लिये भी तैयार हैं । अतः ऐसे देशों में जनसंख्या नियंत्रण के स्थान पर जनसंख्या को बढ़ाने पर जोर देना आवश्यक है । परन्तु यदि सम्पूर्ण विश्व की बात करें तो 2019 में विश्व की जनसंख्या 7.7 अरब हो चुकी है जिसमें 2050 तक 9.7 अरब व 2100 तक 11 अरब को छू लेने का अनुमान हैं जो अब से डेढ़ गुणा से भी अधिक हो जायेगी । वहीं आज भारत, चीन की 143 करोड़ की जनसंख्या के आगे 135 करोड़ की जनसंख्या के साथ दूसरे स्थान पर खड़ा है बाकी देश इन दोनों देशों से काफी पीछे है । तीसरा अमेरिका 32.9 करोड़ चौथा 27.1 करोड़ के साथ इन्डोरिया पाँचवे पर ब्राजील 20.91 करोड़ और पाकिस्तान अपने बहुत कम भूगोलीय क्षेत्रफल के बाद भी 19.76 करोड़ की जनसंख्या के साथ छठे स्थान पर है । अन्य देश और नीचे हैं जबकि उनके क्षेत्रफल इन देशों से कहीं अधिक हैं । वैश्विक जनसंख्या वृद्धि पर संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2050 तक भारत में 27.30 करोड़ लोगों की संख्या बढ़ जायेगी और ज़्यादातर जनसंख्या वृद्धि ग़रीब राज्यों में होगी । जिसका मुख्य कारण होगा साक्षरता शिक्षा की कमी । अतः यदि विश्व स्तर पर जनसंख्या की होने वाली वृद्धि को देखें तो यह विस्फोटक होगी और इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नियंत्रित करने की सख्त आवश्यकता । जनसंख्या को पैदा होने से रोककर कम जनसंख्या वाले देश अधिक जनसंख्या वाले देशों से लोगों को (इन्वाईट) निमंत्रित करें यही अच्छा होगा ।
यदि भारत की जनसंख्या वृद्धि इसी प्रकार रहती है तो वह आने वाले मात्र 8 वर्षों में चाईना को पीछे छोड़कर विश्व की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश कहलायेगा ।